नवादा : जिले के उग्रवाद प्रभावित सिरदला प्रखंड व अंचल का हाल बेहाल है। ऐसा सीओ – बीडीओ व बीपीआरओ के प्रशिक्षण में चले जाने के कारण के कारण हुआ है। तीनों पदों के साथ ही कई अन्य पद प्रभार में रहने के कारण आम- अवाम की परेशानियां बढ़ गयी है। हालात यह है कि काम की आश मे लगातार लोगों को अधिकारियों के आने के इंतजार में व्यर्थ का समय व राशि गंवाने के बावजूद काम नहीं होने से परेशान हैं। फिलहाल सर्वे काम आरंभ है। लोगों को परिमार्जन समेत अन्य कार्य के अभाव में सर्वे के लिये आवश्यक कागजात जमा कराने में परेशानी हो रही है।
सिरदला अंचल का सीओ का प्रभार मेसकौर सीओ अभिनव कुमार के जिम्मे है तो सिरदला अंचल सिरदला ब्लॉक एवं सिरदला पंचायती राज विभाग की जिम्मेदारी भी उन्हें सौंप दी गई है। रजौली प्रखंड कृषि पदाधिकारी के जिम्मे है सिरदला प्रखंड कृषि कार्यालय। यही हाल बाल विकास परियोजना कार्यालय का है। गोविंदपुर की सीडीपीओ को सिरदला बाल विकास परियोजना कार्यालय संचालन की जिम्मेवारी दी गयी है। प्रखंड सांखिकी पदाधिकारी हप्ते में दो दिन ही रहते हैं।
मनरेगा पदाधिकारी गया शहर से आते जाते हैं उनकी भी उपस्थिति हप्ते में दो से तीन ही रहता है। नरहट ब्लॉक के वृद्ध शिक्षा पदाधिकारी को सिरदला प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। ऐसे में कैसे ब्लॉक के समस्त विभाग का कार्य सही समय पर हो पाएगा? एक कहावत है किसान गेलो घर तो जेने तेने हर। यही हाल सिरदला ब्लॉक कि हो गयी है। मानें तो सिरदला पदाधिकारी विहीन हो गया है। जहां तक जनप्रतिनिधि की बात है तो 15 अगस्त झंडोत्तोलन के बाद से ही प्रखंड प्रमुख अर्चना कुमारी गुप्ता ल उप प्रमुख के लगातार अनुपस्थित रहने से कुर्सी खाली पड़ी है। आखिर जनता समस्या लेकर जाये तो जाये कहां?
भईया जी की रिपोर्ट