-स्कूल वैन को छात्रों ने जान जोखिम में डाल निकाला बाहर
नवादा : जिले उग्रवाद प्रभावित रजौली प्रखंड क्षेत्र के जंगल- पहाड़ों में निवास करने वाले 35 गांव के लोगों के धनार्जय नदी में पानी आने के बाद प्रखंड व अनुमंडल मुख्यालय आना जाना समस्या बन जाता है। ऐसी भी बात नहीं है कि इन गावों तक पहुंचने के लिए सम्पर्क पथ का निर्माण नहीं कराया गया है या फिर वाहन उपलब्ध नहीं है। है! लेकिन इन गावों को जोड़ने के लिये धनार्जय नदी में पुल नहीं है।
रजौली राज शिवालय मंदिर के समीप निर्माणाधीन सूर्य मंदिर से डीह रजौली को जोड़ने वाली पुल का निर्माण नहीं होने से नदी पार के 35 गांव के लोगों को आने-जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बुधवार को एक निजी विद्यालय में छुट्टी के बाद नदी पार जा रहे दर्जनों छात्र-छात्राओं से भरी स्कूल वैन नदी में फंस गई।स्कूल वैन में बैठे सभी बच्चे डर गए।हालांकि स्कूल वैन चालक द्वारा प्रयत्न करने के बाद भी वैन नदी से निकलने के बजाय और फंसती चली गई।
अंततः नदी में फंसे स्कूल वैन को निकालने की जिम्मेदारी स्कूली बच्चों ने उठाई और जूते-मौजे उतार कर फुलपैंट ऊपर चढ़ाकर नदी में कूद स्कूल वैन को पीछे से धक्का देने लगे। स्कूली छात्रों के अथक प्रयास के बाद नदी में फंसी स्कूल वैन किसी तरह नदी के बाहर तो निकल गई , किन्तु प्रत्यक्षदर्शियों के मन में कौतूहल मचा हुआ था कि सांसद, विधायक एवं अन्य जनप्रतिनिधिगण को लोगों की परेशानियों से कोई मतलब नहीं है ? स्कूल प्रबंधन द्वारा कैसे बच्चों से भरी वैन को बीच नदी में फंसवा दिया गया ?
इस दौरान कोई अनहोनी हो जाती,तो उसके लिए लोग किसे जिम्मेदार ठहराया जाता, नेताओं को या स्कूल संचालक को?
लोगों ने बताया कि सांसद डॉ. विवेक ठाकुर ने चुनाव के दौरान एवं बिहार सरकार के मंत्री नितिन नन ने रजौली भ्रमण के दौरान रजौली वासियों से धनार्जय नदी पर पुल निर्माण को लेकर पक्का वादा किया था।
जबकि इतने दिनों बीत जाने एवं कई बार समाचार पत्रों में खबरें छपने के बाद शासन-प्रशासन ने इसपर कोई ध्यान नहीं दिया ,जिसके कारण 35 गांवों से भी अधिक प्रतिदिन आने-जाने वाले लोगों का बारिश के कारण नदी में आई बाढ़ के पानी को पार करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। समाजसेवी सह मुखिया संजय यादव पुल निर्माण को ले सक्रिय भूमिका निभाते हुए मंत्री से लेकर सांसद तक गुहार लगा रहे हैं। आश जगी है लेकिन कार्य आरंभ होने में विलम्ब से आम लोगों की परेशानी कम होती दिखाई नहीं दे रही है।