बिहार के नियोजित शिक्षकों को नीतीश सरकार ने करारा झटका दिया है। इन्हें अब नवनियुक्त BPSC टीचरों से जूनियर बना दिया गया है। सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए स्कूलों में प्रधानाध्यापक पद पर नियुक्ति के लिए नया नियम लागू किया है। इसके मुताबिक अब नियोजित शिक्षकों की तुलना में BPSC से नियुक्त शिक्षकों को प्राथमिकता दी जाएगी। अगर किसी स्कूल में BPSC शिक्षक हैं तो प्रभारी प्रधानाध्यापक के पद पर उन्हें ही नियुक्त किया जाएगा।
शिक्षा विभाग ने लेटर जारी कर दिया आदेश
इस संबंध में शिक्षा विभाग ने पत्र भी जारी कर दिया है। पत्र में साफ कहा गया है कि नियोजित शिक्षकों को हेडमास्टर का प्रभार नहीं सौंपना है। इस फैसले से दशकों से काम कर रहे नियोजित शिक्षकों को बड़ा झटका लगा है क्योंकि अब उन्हें नवनियुक्ति बीपीएससी टीचर्स के मुकाबले जूनियर शिक्षक बना दिया गया है। उन्हें अब बीपीएससी से नए नियुक्त शिक्षकों के अधीन काम करना पड़ेगा।
प्रभारी हेडमास्टर पद पर केवल BPSC वाले
शिक्षा विभाग ने जारी पत्र में बताया है कि किन शिक्षकों को प्रभारी प्रधानाध्यापक नियुक्त करना है। इस वक्त राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में स्थायी हेडमास्टर के पद पर नियुक्ति नहीं होने की वजह से कई स्कूल प्रभारी प्रधानाध्यापक के सहारे ही चल रहे हैं। पत्र में साफतौर पर कहा गया है कि यदि किसी स्कूल में स्थाई हेडमास्टर नहीं है और बीपीएससी से नियुक्त शिक्षक पदस्थापित हैं, तब उन्हें ही प्रभारी हेडमास्टर बनाया जायेगा।