घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए केंद्र की मोदी सरकार 10 राज्यों में 12 नए इंडस्ट्रियल सिटी बनायेगी। इसमें बिहार का गया शहर भी शामिल है। मोदी कैबिनेट ने इसे मंजूरी देते हुए कहा है कि इन स्मार्ट शहरों के बनने से करीब 10 लाख प्रत्यक्ष और नियोजित औद्योगिकीकरण के जरिए करीब 30 लाख अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा होने का अनुमान है। इन परियोजनाओं से करीब डेढ़ लाख करोड़ की निवेश क्षमता पैदा होगी।
28,602 करोड़ की लागत, इन राज्यों को लाभ
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मोदी कैबिनेट की मीटिंग के बाद बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरीडोर डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत 28,602 करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश से 12 नए इंडस्ट्रियल शहर बनाने की मंजूरी दी है। ये 12 इंडस्ट्रियल शहर बिहार के गया के अलावा उत्तराखंड के खुरपिया, पंजाब के राजपुरा-पटियाला, महाराष्ट्र के दिघी, केरल के पलक्कड़, उत्तर प्रदेश के आगरा और प्रयागराज, तेलंगाना के जहीराबाद, आंध्र प्रदेश के ओर्वकल और कोपर्थी तथा राजस्थान के जोधपुर-पाली में स्थित होंगे। इन शहरों को ग्लोबल पैरामीटर्स के आधार पर विकसित किया जाएगा। ये शहर हाइटेक इंफ्रास्ट्रक्चर लैस होंगे, जो सस्टेनेबल और मजबूत इंडस्ट्रियल ऑपरेशन का समर्थन करते हैं।
कितने एकड़ जमीन पर बनेगी इंडस्ट्रियल सिटी?
सरकार ने बताया कि बिहार के गया में 1,670 एकड़ में इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी डेवलप की जाएगी। इन इंडस्ट्रियल सिटी की परिकल्पना 6 प्रमुख कॉरीडोर के करीब रणनीतिक रूप से की गई है। ये प्रोजेक्ट्स भारत की विनिर्माण क्षमताओं और आर्थिक वृद्धि को रफ्तार देने में एक महत्वपूर्ण पहल को दर्शाती हैं। अश्विनी वैष्णव ने बताया कि सरकार का ये कदम देश के औद्योगिक परिदृश्य को बदल देगा।