नवादा : कहते हैं आरटीआई कानून किसी की मनमानी पर अंकुश लगाने का घातक हथियार है। बशर्ते इसका सही जानकार व उपयोगकर्ता हो। ऐसे ही एक मामले को जिले के बहुचर्चित आरटीआई कार्यकर्ता प्रणव कुमार चर्चील ने राज्य सूचना में उठाया है।
मामला जिले के वरीय पत्रकार से जुड़ा है। 20 मई 2023 को पुलिस ने सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए न केवल हाजत में बंद किया था बल्कि बगैर चेहरा छिपाये हाथ में हथकड़ी लगाकर फोटो वायरल किया था। मामला नवादा व्यवहार न्यायालय से जुड़ा था जिसकी सूचना किसी स्तर से उपलब्ध नहीं करायी गयी थी।
मामले को राज्य मानवाधिकार आयोग में दर्ज करायी गयी थी। एक वर्ष से अधिक गुजर जाने के बावजूद किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं किये जाने को आरटीआई कार्यकर्ता ने काफी गंभीरता से लिया तथा सूचना के अधिकार के तहत राज्य सूचना आयोग के माध्यम से अद्यतन स्थिति की जानकारी मांगी है।
भईया जी की रिपोर्ट