– मांगी अधिकारियों की उपस्थिति की जानकारी
नवादा : कहते हैं शस्त्र का प्रयोग जनहित में करनी चाहिए। ऐसे में अगर किसी को अहित हो भी जाये तो इसकी चिंता नहीं करनी चाहिए। क्योंकि फर्जीवाड़ा कर हासिल की गयी संपत्ति का एक न एक दिन विनाश होना तय है। सरकार ने व्याप्त भ्रष्टाचार को दूर करने के लिए सूचना का अधिकार तो दिया लेकिन आम जनमानस आज भी इसका प्रयोग नहीं कर रहा। अगर इक्के दुक्के लोग कर भी रहे हैं तो प्रशासन धौंस दिखाकर उसे पीछे हटने पर मजबूर कर देता है।
इसी में से जिले के उग्रवाद प्रभावित कौआकोल प्रखंड क्षेत्र के बहुचर्चित आरटीआई कार्यकर्ता प्रणव कुमार चर्चील हैं जो सूचना का अधिकार का प्रयोग बगैर किसी डर भय के बखूबी कर रहे हैं। इसका लाभ जनमानस को मिल भी रहा है। अबतक कई अधिकारियों पर जुर्माना, पीडीएस दुकान रद्द, सात आवास सहायकों के साथ ही फर्जीवाड़ा कर शिक्षक की नौकरी कर रहे शिक्षक की बर्खास्तगी समेत कई उपलब्धियां हासिल कर चुके हैं। सिलसिला जारी है।
कहते हैं
छेड़ दिया तो छोड़ेंगे नहीं, चाहे जान ही क्यों न चली जाय। कड़ी को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने सामान्य प्रशासन विभाग से जानकारी मांगी है कि आदेशपाल से से लेकर प्रधान सहायक की उपस्थिति पुस्तिका का संधारण तो होता है, लैकिन बीडीओ- सीओ से लेकर मुख्य सचिव की उपस्थिति का प्रावधान क्या है? इससे संबंधित नियमावली की मांग कर उन्होंने सबको चौंका दिया है। कारण कार्यालय पहुंचे आम नागरिक को हफ्तों अधिकारियों से भेंट नहीं हो पाती। ऐसे में इसके प्रकार की सूचना जनहित में आवश्यक है। इसे कहते हैं सूचना का अधिकार का प्रयोग करना कोई चर्चील से सीखे।
भईया जी की रिपोर्ट