नवादा : जिला मुख्यालय स्थित श्री दिगम्बर जैन मंदिर के संचालन के लिए कार्यकारिणी के गठन को लेकर वर्षों से जैन समाज के दो पक्षों के बीच जारी विवाद में बिहार राज्य दिगम्बर जैन धार्मिक न्यास बोर्ड ने नवादा जैन समाज एक गुट विशेष को आइना दिखाते हुये उस गुट द्वारा गठित कार्यकारिणी को खारिज कर दिया है। जैन समाज के प्रतिनिधि दीपक जैन द्वारा बोर्ड अध्यक्ष के समक्ष मामले से जुड़े तथ्यों व सच्चाई को संज्ञान में लाये जाने के बाद जांचोपरांत बोर्ड ने समुचित फैसला लेते हुये यह आदेश जारी किया है। जारी आदेश के अनुसार आगामी प्रभावी कार्यकारिणी के गठन के लिए जब तक समग्र जैन समाज का निर्विरोध सहमति पत्र बोर्ड को उपलब्ध नहीं कराया जाता, तब तक जैन मंदिर के कार्यकारिणी का संचालन जिला प्रशासन के अधीनस्थ रहेगा।
बिहार राज्य दिगम्बर जैन धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष श्रीगोपाल जैन ने बोर्ड के पत्रांक नि. न्या.- 40/2024-25/11107 दिनांक 15/07/2024 के माध्यम से जारी आदेश में इस तथ्य का उल्लेख किया है कि समाज के गुट विशेष द्वारा निर्धारित प्रावधानों व जैन समाज के कई परिवारों को हाशिये पर रख कर मनमाने ढंग से राजेश कुमार जैन की अध्यक्षता में जिस तथाकथित कार्यकारिणी का गठन कर उसे स्वीकृति हेतु बोर्ड को भेजा गया है, वह स्वीकृत करने योग्य नहीं है। बोर्ड अध्यक्ष ने अपने आदेश में इस तथ्य का स्पष्ट उल्लेख किया है कि समग्र जैन समाज का निर्विरोध सहमति पत्र प्राप्त होने पर ही बोर्ड अध्यक्ष की अध्यक्षता एवं स्थानीय जिला प्रशासन के प्रतिनिधियों की सक्रिय मौजूदगी में चक्रानुसार आवर्तन को लेकर पूर्व में निर्धारित प्रावधानानुसार नई प्रभावी कार्यकारिणी का गठन कराया जा सकेगा।
जारी आदेश में इस तथ्य का जिक्र किया गया है कि जब तक पूर्व में निर्धारित प्रावधानों के अनुरूप कार्यकारिणी के गठन को लेकर स्थानीय समग्र जैन समाज की निर्विरोध सहमति नहीं बन पाती, तब तक श्री दिगम्बर जैन मंदिर का प्रभार जिला प्रशासन के ही अधीनस्थ रहेगा। बिहार राज्य दिगम्बर जैन धार्मिक न्यास बोर्ड ने अपने इस निर्णय से डीएम के साथ ही श्री दिगम्बर जैन मंदिर की प्रशासनिक कार्यकारिणी में शामिल एडीएम, एसडीओ एवं सीओ के साथ ही नवादा जैन समाज के प्रतिनिधि दीपक जैन को अवगत कराते हुये इसकी जानकारी नगर थाना को उपलब्ध करायी है। बोर्ड द्वारा इसकी सूचना निरस्त कार्यकारिणी के अध्यक्ष को दे दी गयी है।
नादिरशाहियों की अनैतिक हरकतों को नहीं किया जायेगा बर्दाश्त:- दीपक जैन
इस संदर्भ में जैन समाज के वरिष्ठ प्रतिनिधि दीपक जैन का कहना है कि कई दशकों से राजस्थानी जैनी बिहारी जैनियों के हितों व अधिकारों को चुनौती देते हुये उनके विरूद्ध षड्यंत्र रच विभिन्न स्तर पर अत्याचार करते आ रहे हैं। मंदिर की अचल भूखंड पर भी इन्होंने अनैतिक ढंग से कब्जा जमा रखा है। इनके कई ऐसे काले कारनामे हैं, जो कि सामाजिक एवं धार्मिक मर्यादाओं के विरूद्ध है। विरोध करने वालों के विरूद्ध ये मठाधीश सामाजिक बहिष्कार का तुगलकी फरमान जारी करने से भी परहेज नहीं करते।
अब ये राजस्थानी जैनी अंग्रेजों की “फूट डालो और राज करो” की नीति पर काम करते हुये अपने स्वार्थ में स्थानीय जैनियों को “जैन होने” अथवा “जैन न होने” का अनैतिक प्रमाण-पत्र बांट समग्र जैन समाज के अधिकारों व हितों के साथ ही सामाजिक व धार्मिक मर्यादाओं को निरंतर चुनौती दे उसे कलंकित करने का काम कर रहे हैं। सत्तासुख के लिए छटपटाते ये तत्व अपनी स्वार्थसिद्धि के लिए हर हथकंडा अपनाते हुये अपनी सारी सीमाओं को लांघ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि नादिरशाहियों की ऐसी असामाजिक, अनैतिक व अपारदर्शी गतिविधियों को किसी भी परिस्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने बोर्ड के इस निष्पक्ष फैसले का स्वागत करते हुये बोर्ड अध्यक्ष को धन्यवाद दिया है। इधर, जैन मंदिर प्रकरण में जारी इन घोर विवादों के मद्देनजर बोर्ड अध्यक्ष के इस निष्पक्ष फैसले व आदेश का स्थानीय जैन समाज के प्रतिनिधि-सह-न्यास बोर्ड के सदस्य अशोक कुमार जैन (आर) व विनोद जैन गर्ग सहित कई अन्य सामाजिक प्रतिनिधियों ने स्वागत किया है।