बिहार सरकार ने राज्य के 38 में से 34 जिलों में ‘डेथ आर्डर’ जारी किया है। इसके लिए बजाप्ता 13 शूटर भी बुलवाए गए हैं और उन्हें देखते ही ठोक देने के लिए कहा गया है। दरअसल बिहार सरकार ने यह डेथ आर्डर इन सभी 34 जिलों में फसलों को हो रहे नुकसान को देखतेे हुए दिया है। इन जिलों में नीलगाय और जंगली सुअरों ने किसानों को त्रस्त कर रखा है।
इसके लिए सरकार ने 13 पेशेवर शूटरों को बुलवाया है और उन्हें इनके खात्मे का अभियान चलाने को कहा है।
34 जिलों में होगा नीलगायों और सुअरों का शिकार
राज्य के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रेम कुमार और कृषि मंत्री मंगल पांडे की अध्यक्षता में हुई संयुक्त बैठक के दौरान राज्य में ‘घोड़परास’ के नाम से मशहूर नीलगायों और जंगली सूअरों को मारने की अनुमति देने का निर्णय लिया गया। नीलगाय और जंगली सुअरों को मारने का खर्चा बिहार सरकार उठाएगी। आंकड़ों के अनुसार इस समय बिहार के 34 जिलों में नीलगायों और 30 जिलों में जंगली सूअरों के कारण फसलों को भारी नुकसान हो रहा है। तमाम जिलों में नीलगायों की संख्या करीब 3 लाख और जंगली सूअरों की संख्या 67 हजार बताई जा रही है।
मुखिया को बनाया अभियान का नोडल अधिकारी
निर्णय के अनुसार नीलगायों और जंगली सुअरों को मारने से लेकर इन्हें दफनाने तक की पूरी प्रक्रिया में गांव के मुखिया की भी प्रमुख भूमिका तय की गई है। इस पूरे अभियान में मुखिया को नोडल प्राधिकारी नियुक्त किया गया है। मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि राज्य के कुछ जिलों में किसान अपनी तैयार फसलों को नीलगाय और जंगली सूअर से बचाने के लिए पूरी रात रखवाली करते हैं। इससे न केवल फसलों को नुकसान होता है बल्कि नीलगाय सड़क हादसों की वजह भी बनती हैं।