नवादा : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जल जीवन हरियाली की बात करते हैं। नदी और पर्यावरण को संरक्षित करने की बात करते हैं, वहीं दूसरी ओर नवादा के खुरी नदी समेत सभी सात बरसाती नदियों में लगातार अतिक्रमण हो रहा है। नदी के बीचों बीच खेती के साथ मकान बनाये जा रहे हैं।
नगर के बड़ी दरगाह, गोंदापुर, न्यू एरिया, बुधौल तक खुरी नदी अतिक्रमण का शिकार हो चुकी है। भू माफिया बीच नदी में पेड़ पौधे का रोपण कर रहें है कई तो नदी किनारे मिट्टीकरण कर पक्के मकान,गोदाम तक बना बैठे हैं। लोगों का कहना है खुरी नदी पर भू माफियायों के आगे पुलिस प्रशासन भी बेबस नजर आ रही है। नदी में अतिक्रमण के कारण 300 फिट चौड़ी नदी अब नाला का शक्ल ले ली है। बावजूद अबतक जिला प्रशासन की नींद नहीं टूट रही है।
वर्तमान में खुरी नदी से फसलों की होती है सिंचाई
खुरी नदी जिले के विभिन्न प्रखंडों से गुजरती है। यह नदी रजौली, अकबरपुर, नवादा सदर प्रखंड से होते हुए नालंदा जिले की सीमा में प्रवेश कर जाती है। इस रास्ते में पड़ने वाले सैकड़ों गांव के हजारों एकड़ खेती में खरीफ फसल की खेती के दौरान इसके पानी से सिंचाई की जाती है। खेती के लिए नदी किसी वरदान से कम नहीं थी। झारखंड के कोडरमा जिले के जंगलों से निकलने वाली खुरी नदी मुख्य रूप से बरसाती नदी है।
कमोबेश यही स्थिति सकरी, धनार्जय, पंचाने, तिलैया, जमुगांय आदि नदियों की है जहां जगह जगह अतिक्रमण कर नाला बना दिया गया है या बनाया जा रहा है। और तो और नदियों का अतिक्रमण कर बड़े बड़े सरकारी भवन तक बनाने में प्रशासन भी किसी से कम नहीं है। इस संबंध में डीएम आशुतोष वर्मा ने बताया कि नदी अतिक्रमण करने से पर्यावरण प्रदूषण होगा। नदी के अतिक्रमण को जल्द ही निरीक्षण कर मुक्त कराया जायेगा और पौधारोपण किस विभाग से कितना हुआ है। इसकी भी जानकारी ली जाएगी।
भईया जी की रिपोर्ट