दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अभी जेल में ही रहेंगे। दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्हें निचली अदालत द्वारा जमानत देने के फैसले को रद्द कर दिया। पिछले हफ्ते राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को दिल्ली शराब नीति में मनी लांड्रिंग के मामले में नियमित जमानत दी थी। लेकिन ED की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को झटका देते हुए पहले जमानत पर अंतरिम रोक लगाई और अब आज मंगलवार को लोअर कोर्ट से मिली जमानत के फैसले को ही रद्द कर दिया।
दिल्ली CM केजरीवाल की याचिका में ये दलील
अरविंद केजरीवाल ने हाईकोर्ट में अपने लिखित दलील में लोअर कोर्ट से उन्हें दिये गए जमानत आदेश का बचाव किया और कहा कि यदि उन्हें इस समय रिहा किया जाता है, तो ईडी पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं होगा। अगर हाईकोर्ट बाद में आदेश को रद्द करने का फैसला करता है, तो उन्हें वापस हिरासत में भेजा जा सकता है।
ईडी ने लोअर कोर्ट से मिली बेल को दी चुनौती
केजरीवाल के वकील ने यह भी कहा कि सुविचारित जमानत आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगाना जमानत रद्द करने की याचिका को एक तरह से स्वीकार करने के समान होगा। हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को ईडी द्वारा चुनौती दिये जाने के बाद मामले में 21 जून को आदेश सुरक्षित रख लिया था। उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाये जाने तक निचली अदालत के फैसले के क्रयान्वयन पर रोक लगा दी थी।