पटना : कोरोना महामारी से निपटने के लिए भारत सरकार ने देश भर में 21 दिनों की लॉक डाउन की घोषणा कर चुकी है। कोरोना को लेकर बिहार में अब नए पॉजिटिव केस सामने आने लगे हैं। तथा यह संख्या बढ़कर 9 हो गई है।
बिहार सरकार ने इस संकट से निपटने के लिए वित्त विभाग ने 1200 करोड़ रूपये स्वास्थ्य विभाग को खर्च करने की अनुमति दे दी है। वहीं मुख्यमंत्री राहत कोष से 100 करोड़ रूपये जारी कर दिए गए हैं।
इसी बीच केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी चौबे ने बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे और पटना रिम्स के डायरेक्टर को भरोसा देते हुए कहा कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए बिहार सरकार को केंद्र सरकार पर्याप्त टेस्टिंग किट और चिकित्सा उपकरण उपलब्ध कराएगी।
मालूम हो कि राजेन्द्र मेमोरियल रिसर्च इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, पटना के डायरेक्टर ने केंद्रीय मंत्री से अनुरोध किया था कि संस्थान को और अधिक संख्या में टेस्टिंग किट और चिकित्सा उपकरण उपलब्ध कराए जाएं, ताकि कोरोना वायरस से लड़ा जा सके।
राज्य में कोरोना संकट से लड़ने के लिए की गई तैयारियों के मद्देनजर केंद्रीय मंत्री ने बक्सर, कैमूर, रोहतास और गृह क्षेत्र भागलपुर के डीएम से भी बातचीत की और मौजूदा स्थिति की जानकारी ली। भागलपुर के डीएम से बातचीत के दौरान भागलपुर डीएम ने केंद्रीय राज्य मंत्री से भागलपुर मेडिकल कॉलेज में टेस्टिंग सेंटर बनाने की मांग की थी। अश्विनी चौबे ने भागलपुर डीएम के अनुरोध को स्वीकार करते हुए भागलपुर में टेस्टिंग सेंटर की व्यवस्था कराने के लिए आईसीएमआर एडीजी को निर्देश दे दिया है।
इस बीच केंद्रीय मंत्री ने अपने संसदीय क्षेत्र बक्सर में कोरोना बीमारी से बचाव और इलाज की समुचित व्यवस्था के लिए अपने सांसद निधि से बक्सर जिले को एक करोड़ तथा रामगढ़ (कैमूर) विधानसभा और दिनारा (रोहतास) विधानसभा को 25 लाख रूपये देने की अनुशंसा की है।
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